ब्लॉग लेखन और इसका भविष्य

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रामकिशोर महोलिया निशा सिंह

Abstract

आज का यà¥à¤— पà¥à¤°à¥Œà¤¦à¥à¤¯à¥‹à¤—िकी कà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤¿ का यà¥à¤— कहा जाता है और पà¥à¤°à¥Œà¤¦à¥à¤¯à¥‹à¤—िकी के इस यà¥à¤— में परिवरà¥à¤¤à¤¨ का दौर इतनी तेजी से बढ रहा है, कि जो बदलते परिवरà¥à¤¤à¤¨ में अपने-आप को नहीं ढाल पा रहे हैं वो à¤à¤• सीमा तक सिमट कर रह गये हैं। पà¥à¤°à¥Œà¤¦à¥à¤¯à¥‹à¤—िकी के यà¥à¤— में सब कà¥à¤› बदल रहा है। यह बदलाव मानव जीवन के सामाजिक, राजनीतिक, आरà¥à¤¥à¤¿à¤• और सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• पकà¥à¤· को भी असीमित विकलà¥à¤ª पेश कर रहा है। यदि हम विशà¥à¤µ की ओर दृषà¥à¤Ÿà¤¿ डाले तो धà¥à¤µà¥à¤°à¥€à¤•à¤°à¤£ और सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤šà¤¤à¤¾ की दौड में आज सभी जनसंचार माधà¥à¤¯à¤® बहà¥à¤¤ तेजी से अपना विकास à¤à¤µà¤‚ विसà¥à¤¤à¤¾à¤° कर रहे हैं। जिसके चलते जनसंचार माधà¥à¤¯à¤®à¥‹à¤‚ में इलेकà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤¨à¤¿à¤• माधà¥à¤¯à¤® का à¤à¤• रूप इंटरनेट भी तेजी से उभर कर लोगों के जीवन में घà¥à¤¸à¤ªà¥ˆà¤  कर रहा है। डिजिटल कà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤¿ के साथ साथ जà¥à¤¡à¥‡ लोगों का मानना है कि आने वाले सामाजिक परिवरà¥à¤¤à¤¨ कà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤¿à¤•à¤¾à¤°à¥€ होगें। इस विषय में अमेरिकी संघीय संचार आयोग के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· “रीड हंट का कहना है कि हर चीज भिनà¥à¤¨ होगी। परिवरà¥à¤¤à¤¨ इतने चरम कोटि का है कि बहà¥à¤¤ सारे लोग इसे बिलà¥à¤•à¥à¤² पकड ही नहीं पाये हैं|â€1

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