वित्यपोषित और स्ववित्यपोषित माध्यमिक विद्यालय के छात्र और छात्राओं के समायोजन क्षमता का तुलनात्मक अध्ययन

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अभिषेख कुमार पाण्डेय प्रो0 (डॉ0) रघुराà सिंह

Abstract

शिकà¥à¤·à¤¾ à¤à¤• सामाजिक पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ भी है, जो समाज को उनà¥à¤¨à¤¤ बनाये रखने तथा उसमें विकास के लिठअति आवशà¥à¤¯à¤• है। जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° à¤à¤• पौधे को विकसित होने के लिठखाद à¤à¤µà¤‚ पानी की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ होती है। उसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ के शैकà¥à¤·à¤¿à¤• विकास के लिठशिकà¥à¤·à¤¾ की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ होती है। शिकà¥à¤·à¤¾ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ का सामाजीकरण होता है। शिकà¥à¤·à¤¾ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ ही समाज की संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ à¤à¤• पीà¥à¥€ से दूसरी पीà¥à¥€ में हसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤°à¤£ होती है। तथा ये सामाजिक, आरà¥à¤¥à¤¿à¤• और राजनैतिक समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं का समाधान भी करती है। शिकà¥à¤·à¤¾ सामाजिक नियनà¥à¤¤à¥à¤°à¤£ का à¤à¤• महतà¥à¤¤à¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ सशकà¥à¤¤ मूल साधन है। इसके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की जनà¥à¤®à¤œà¤¾à¤¤ शकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का विकास होता है।

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